4 उ सब दुख मा अमीला, सान्ती देतो रव्हसेत। जोन लक, परमेस्वर को कन लक, अमीला जोन सान्ती भेटासेत, वोच को लक आमी दुसरो ला भी, उनको हरेक दुख मा सान्ती देवन को ताकत अमीला मिल जाय।
योच कारन सेत का हमला सान्ती भेटिस। आमरो यो सान्ती अना तितुस को कारन लक खुसी यो दुई गोस्टी मिलके सबको दिल गदगद भई गयो। अना तुमी ना अखीन जीव ला लगत खुस कर दियो।