हव! आपरो-आपरो मन मा अमिला असो लगत होतो, जसो अमिला मरनो को हुकूम भयी गयो सेत। जोन लक अमी आपरो आप पर नही पर परमेस्वर को भरोसा भयि गयो जोन मरयो हुवो ला जित्तो करा सेत।
अन्जान रूप मा आमी सेजन, मग आमी जग-जाहिर सेजन। लोकगिनला आवता च मेला का जबच मेला असो आमी चोवासेजन, पर आमी जित्तो सेजन, आमी ला अबा पिटाई पड़नवारा सेत आमी मर जाबिन असो लगसेत पर, अबा आमी जित्तो सेजन।