जबा उ जैतून को पहाड़ मा बसो होतो, तबा चेला हुन ना वोला नीजी तौर मा कहीन, सांगो यो गोस्टी कबा होयेत? मनजे अखीन संसार को अखट्ट को काजक हिदान होयेत? तोरो आवन को अना दुनियाँ को आखीर को काजक हिदान होहेत?
अगो चहेतो संगी हुन, अखिन भी मि लगत चाव्हत होतो का तुमला ओनो सूटकारा को बिसय मा लिखु, जोको आमी हिस्सेदार सेजन। मिना तुमीला लिखन की अना तुमला बढ़ावा देन की जरुरत सोचयो ताकि तुमी ओनो बिस्वास को लाई मेहनत करत रव्हो जेनला सब लक मोठो परमेस्वर ना संत मानूस हुन ला हमेसा को लाई दे दियो से।