पर अबा परगट हो गयो से। यो भविस्यवक्ता गिन को भविस्यवानी मोसे को नियम को लक अमर परमेस्वर को हुकूम लक, सब लोक गीन मा मुनादी कियो गयो से। जेनको लक वय भरोसा को लक अधिनता स्विकार करे।
परमेस्वर को बचन ला लोकगिन जसो मिलावट करके बिकन वालो जसो अमी नही सेजन। परअ परमेस्वर ना अमीला धाड़ी सेत, का वोको हाजरी मा ईमानदारी लक वोको बचन ला सांगनो सेत।
पर अबा जबकि तीमुथियुस तुमरो भरोसा अना पिरेम की साजरो बारता आन के हमरो जवर लवट के आयो अना वोना यो भी सांगीसेस का तुमी ना हमला पिरेम लक हेत राखियासेव अना जसो हमी तुमला वसोच तुमी भी हमला देखन लाई लगत बेरा तकन तरसासेव।
अगो भाऊगीन, तुमरो बारे मा आमला सबच बेरा परमेस्वर को धनवाद करनो चाव्हसे, यो जरुरी से, एको साठी की तुमरो भरोसा लगत बढ़ जावसे, अना तुमी सबच को माया आपसी मा लगत बढ़ जावसे।
पर तुमरो सिंगार तो तुमरो मन को भीतर मा बस्यो मानूस की सिंगार होवनो पाहिजे। नरम अना सांत मन वालो, अविनासी सही जेवर गीन लक कियो सिंगार परमेस्वर की नजर मा लगत किमती से।
काहेका तुम्ही ना धिरज लक सहन करता हुया मोरो हुकूम ला मानीसेव। बदल मी परिक्सा को बेरामा तुमारो रक्सा करीन। जोन यो दुनिया मा रव्हन वालों ला परखन लाय पुरो संसार मा बस आवन वालो सेत।