जेनको लक तुम्हि अपरो सरग को परमेस्वर बाबूजी की सन्तान कहलाने। कासेकी उ साजरो अना बुरो दुई, को लाय दिवस हेड़ासे। अखीन ईमानदार अना बैईमान, धरमी-अधरमी दुई पर बादर- पानी बरसासेस।
पर मिले न नोको मिले, पर माँगन वालो ला उधारी देव, यो तुमरो लाय मोठो फर होयेत। अना तुम्ही परमेस्वर को, टूरा-टूरी कहलाने, काहे की जोन परमेस्वर ला नही मानासे, अखीन बुरो भी सेत, ओको पर भी, परमेस्वर भलो सेत। अना आपरो सतरु लक, माया करो।