काहे की मि तुम लोक गीन कव्हसु, की अदी तुमरो नेकी को काम, मोसे को नियम को गुरू लक अना, फरिसी गीन लक बड़के नही होहेत। ता तुम्हि सरग को राज मा कदीच भीतर नही धस सकेत।
अना आपरो आँग ला बदी को हथियार होवन को लाय पाप ला नोको सोपो। तुमी अपरो आप ला मरो हुया मा लक जित्तो समझके अपरो आप ला परमेस्वर ला दे देव। अना आपरो देह ला धरमिपन को हतियार बनन काजी परमेस्वर ला सोप देव।
तर अबा कानून लक सूटकारा भेटयो सेत। काहेका जोन कानून ना अमीला बांधयो होतो वोको काजी अमी मर गयो सेत। अना अबा, जूनो लिख्यो कानून लक नही, बल्कि आतमा को नवा रीत लक अमी आपरो मालिक को सेवा करा सेजन।
मसीह ना हमला आन के मोसे को नियम को काम को सिराप लक छुड़ायीस अना खुदच आमरो साठी सिरापित बन गयो, काहेकि लिखीसे, “जोन कोनी लकड़ी को कूरूस मा लटकायो जावसे उ सिरापित से।”
जबकि तुमी मसीह को सँगा संसार को जूनो सिक्सा लक मर गया सेव, ता मंग कायलाई उनका जसो जोन संसार का सेत जिंदगी बितावासो? तुमी असी उसुल गीन को वस मा काहे रव्हसो।
वसोच मसीह, लगत लोकगीन को पाप लक मुकती काजी, एकच बार आपरो आप ला चघा दियो। मसीह अबा दूसरो बार परगट होयेत। पाप को कारन नही, पर जोन लोक वोको रस्ता चोवासेत। उनला मुक्ती दिलावन आहेत।
एकोलाय तुमी आपसी मा एक दुसरो को पुड़ा अपरो-अपरो पाप गीन ला मान लेव लेने अना एक दुसरो को लाई पिराथना करो जेनको लक साजरा भय जाहो धरमी जन की पिराथना लक लगत काही होहे सकासे।
यो नदी नगर को मुख रास्ता लक होतो बोहत होतो। नदी को दुही कना जीवन को झाड़ से। जिनमा बारा परकार को फर पैदा होसेत। यो झाड़ हर मास फर देसेत। यो झाड़ को पान गीन मा देस ला चँगा करन की ताकत से।