5 वय संसार का सेत, एने कारन वय संसार को गोस्टी सांगासेत, अना संसार उनकी आयकासे।
मालीक ना वो अन्यायी मूनीम को बडाई करीस, काहेका उ चलाकी लक काम करीस, यो जुग मा भी असोच लोग परमेस्वर को लोकगीन लक लगत चतुर सेत।
मिना तोरो गोस्टी उनला पहुचा देईसेऊ। अना जगत ना उनलक बइर करीस, काहे की जसो मि जगत को नही, वसोच वय भी जगत का नहाति।
जसो मि जगत को नही। वसोच वय भी जगत का नहात।
जोन वरता लक आवासे, उ सब लक बेस से, जो धरती लक आवासे उ धरती को से, अना उ धरती को गोस्टी कव्होसे, जोन सरग लक आवासे वा सब लक वरता से।
ओना उन ला कहीस तुमी धरती का सेव, मि वरता लक आयी सेऊ। अना तुमी दुनियाँ का आव, मि दुनिया को नही आऊ।
काहेकी असो बेरा आहे जबा लोक खरो सिक्सा नही सह सको पर कान गीन की खुजली को कारन अपरी आस को जसो अपरो लाई लगत सी सिक्सक बटोर लेहेत।
तबा ओनो पंखा वालो सरप ला-ओना जुनो सरप ला, जोन सैतान कहलावासे अना जोन जगत को सबच रव्हनवारा गीन ला भरमाव से। वोला वोको संगी गिगन को संग धरती पर फेंक दियो गयो।