जबा उ असो कव्हच रहयो होतो, तबा एक पाँढरो, बादर न उनला ढाक लियो, अना उ बादल लक एक आवाज आयी यो मोरो एकच चहेतो, टूरा से, जेनको लक मी गजब खुसी सेव “एकी आयको!”
तब जब तुमी पिरभू को रुप मा जिंदगी बितान काबिल होवजोस अना हमेसा आपरो चाल चलन लक वोला खुस करजोस ता तुमरो जिंदगी मा सबा परकार को साजरो करम पैदा करबिन, अना तुमी परमेस्वर को गियान मा बढ़बिन।
एकोलाय तुमी आपसी मा एक दुसरो को पुड़ा अपरो-अपरो पाप गीन ला मान लेव लेने अना एक दुसरो को लाई पिराथना करो जेनको लक साजरा भय जाहो धरमी जन की पिराथना लक लगत काही होहे सकासे।