4 का हमला खावन-पीवन को हक नाहती?
रास्ता लाई कोनी जरुरत को जिनुस नोको ठेव। जसो झोला, दुई कुरता, न ता सेन्डिल, अना न ता लाठी राखना, जहान तुम ठैयर जोस वहान सब जिनुस मिल जाहेती, काहेकी बनिहार ला वोको, बनी मिलनो जरूरी से।
वोच घर मा रव्हने, अखीन उनको कठा जो सेत, वोच जेवन करने, घर-घर नोको फिरने। काहेका बनीहार ला वोको बन्नी मिलन को, हक सेत।
मी न कोनी को सोना अना खुरो मुन्दरो अखीन कपरा को लोभ नही करयो।
जोन लोकगीन बिना जाँच को मोरो पर लान-छान लगावासेत, उनला आपरो बारेमा मोला यो सांगनो सेत।
जोन मानूस गोस्टी को सिक्सा पावसे, उ आपरी सबच साजरो चीज मा आपरो सिक्सक ला सामिल करे।
मंग भी हमी मानूस लक मान-मरयादा नही चाव्हत होता, जसो की तुमी लक या कोनी अखीन लक।
भाऊ गीन तुमी हमारो महेनत अना दुख महसुस होहे, का हमीना तुमरो पर बोझ नही बनन को मकसद लक कसो रात-दिवस काम धंधा करके तुमला परमेस्वर की साजरो बारता आयकवाया।