40 पर मोरो बिचार लक जसो उ सेत वसोच रव्हे तो अखीन साजरा सेत। अना मी समजासू का मोरो मा परमेस्वर को आतमा सेत।
अबा, तुमरो कन लक लिख्यो मामला गिनला निपटान को लाय। एक मरद साजरो लक बिहा नही करतत।
मी यो गोस्टी तुमारो भलाई को लाय कव्हासू, तुमला उलझान काजी नही, यो काजी जसो सोबा देवासेत वसोच करो। का तुम एक चित लक पिरभू को सेवा करो।
पर मी तुमला यो परमिसन देवा सू, यो हुकूम नाहती।
पर अबा जोन कुंवारो अना बेवा सेत, उनला मी सांगा सेऊ का, उनको वसोच रव्हनो साजरा सेत।
मी मुरख तो बन गयो, पर तुमी ना मोला मुरख बनन काजी बेबस करीसेव। तुमला तो मोरी बडाई करनो होत्यो, काहेकि अदी मी काही भी नही सेव, ताभि मी उन मोठो लक मोठो पेरीत गीन लक काही गोस्टी मा कम नही सेव।
काहेका तुमी तो असो गोस्टी को सबुत माँगसेव। का मसीह मोरोलक गोस्टी करासे, जोन तुमरो काजी कमजोर नही पर तुममा ताकतवर से।
मोरो असो राय सेत का, बितो साल तुमीना जोन सुरू कियो होतो, नातो वोच काम करत होतो पर यो गोस्टी ला चाव्हन मा भी पयलो सेव।
एको कारन जसो जोन एला बेकार जानासे, उ मानूस ला नही पर परमेस्वर ला बेकार जानासे, जोन तुमला अपरी पवीतर आतमा देवासे।