15 पर जोन नवरा भरोसा नही राखन वारा सेत, उ अदी बेगरो रव्हे, तो वोला बेगरो होवन देव, असो दसा मा कोनी भाऊ, अना बहिन कब्जा मा नाहती। काहेका परमेस्वर ना अमीला मेल करवान काजी हाकलि सेत।
काहेका जोन मोरो सरग को परमेस्वर को कव्हनो मा चलासे अना वोको मन को मुताबिक काम करासे, वोच मोरो भाऊ बहिन अना मायसे।”
वोला एक भूत धरसे, अना उ एकदम बेमियासे, आँग ऐठासे, टोन्ड मा फेसकुड़ आवासे, अखीन वो भूत वोलो कठनाई लक छोड़ासे।
जहान तकन हो सका सेत, तुमी जी भरके सब मानूसगिन को संग साजरो मेल-मिलाप राखो।
आमी असो गोस्टी मा लगो रहबिन, जोन लक सान्ती बनावन मा बढावा मिले।
काहेका परमेस्वर गडबडी को नही पर सान्ती को परमेस्वर सेत, जसो पवीतर लोकगीन को सब कलीसिया मा होवासेत।
एकोलाय अगो भाऊ खुस रव्हो! साजरो पक्को बनतो जावो अना धिरज राखो। एक बिचार राखो, मिलाप लक रव्हो! पिरेम अना सान्ती देवन वारा, परमेस्वर तुमरो संग होहेत।
पर पवीतर आतमा को फर माया, उत्साह, सान्ती, धीरज, दयालुपन, भलाई अना भरोसा सेत।
सर्वां संग सान्ती लक पवितर बनन को कोसीस करा। काहेका पवितर मानूस च पिरभू ला चोहेत।
अदी भाऊहुन या बहिनीहुन ला कपरा को पायजे, उनको जवर खान तकन को नहोत।