9 का तुमीला नही मालूम सेत? का बदी करन वालो परमेस्वर को राज मा वारिस नही होहेत। धोखा नोको खावो, छिनरापन करनवारा, ना तो मुरत पुजा करनवारा, ना दुसरो को बायको संग सोवनवारा, छिनाल,
तबा मि आपरो उज्जो कन वालो लक कहुँ, ओ मोरो बाबूजी को धन्य साबास लोक आव वो राज को अधिकरि भय जावो, जोन सारो जग बनन को पहिले तुमरो लाइ, राजा ना तैय्यार कियो होतो।
तबा उ कव्हसे “होसियार रव्हो का कोनी, तुमिला नोको भरमाय, काहेका गजब लोकगीन मोरो, नाव लक आहेत अखीन सांगेत, का मी वोच सेव अना यो, भी का बेरा जवर आय गयो से, तुमी उनको मंघा नोको जावने।”
अना अबा मी तुमला परमेस्वर को, अना वोको दया को वचन ला सौप देवासू। जोन तुमरी उन्नती कर सकसे, अना सब पवीतर किया गयो तुमरो लोकगीन ला वारसाना अधिकार दिलाय सकसेत।
अबा, सही मा यो आयकनो मा आवा सेत, का तुमरो बीचमा कु करम लगत फैल गयो सेत। असो कुकरम ता कोनी कुल को लोक गिनमा भी नाहती। मोला बतायो गयो सेत का एक मानूस आपरो मौसि माय को संग सो रहयो सेत।
यो जरुरी नाहती, का तुमी, यो दुनिया को छिनरा, लालची, लुटेरा, अना मुरत पुजा करनवारा, लोकगीन को संगति नोको राखो। तब ता तुम्हिला दुनिया लक हीट जानो पड़येत।
आयको कोनी भी छिनालापन नोको करे, या वोना एसाव को जसो परमेस्वर लक दुहुर अना बुरो ना भयी जाय, जोनना सबलक मोठो टूरा होवन को अधिकार ला बस एक निवाला भर जेवन को लाय बिक दियो होतो।