जोन बीज कांटा को झाड़ पर पड़ासे, उ वय लोग सेत, जोन परमेस्वर को गोस्टी ला, आयकन पर, पयले धन-माया की चिंता, रोज को जिंदगी को सुक, लोभ-माया को कारन, उन मा फर नही लगासे।
मंग जेना सरगदूत गीन ना आपरो पद ला संभाल नही सकिन अना खुद को रव्हन को जघा ला तज देईन, ओना उनला ओना मुसीबत को दिवस को नियाव को लाई इंधारो मा जोन अमर बेरा को लाई से, बंधन मा राखीसेस।