अगो मोरो संगीहुन! परमेस्वर को दया ला हेत कराके मी तुम्हि लक बिनती करा सेऊ। का अपरो आप ला परमेस्वर को लाय जित्तो बली को रूपमा परमेस्वर को सेवा अना वोला खुस करन लाय दे देव। योच सच्चो पूजासेत। असो पूजा तुमीला करनो सेत।
मी तुमारो आँग को निरबलता को कारन मानूस को रीत लक कव्हसू। जसो तुमरो देह ला कुकरम को लाय बुराई अना खोटो करम को दास बनाके सोपो होतो। वसोच अबा आपरो देह ला धरमी होवन को कजि, वोको दास बनाके सोपो।
मसीह ना हमला आन के मोसे को नियम को काम को सिराप लक छुड़ायीस अना खुदच आमरो साठी सिरापित बन गयो, काहेकि लिखीसे, “जोन कोनी लकड़ी को कूरूस मा लटकायो जावसे उ सिरापित से।”
काहेकी तुमी जानासेव, का तुमरो बेकार चाल-चलन, जोन बापदादा गीन लक चलतो आयो से। उनको तुमरो सूटकारा, चांदी सोनो अना नास होवनवालो चीज गीन को किमत मा नही भयो।
पर तुमी एक बेचयो हुयो लोख सेव। याजकगिन को एक राज सेव, अना खुद परमेस्वर को परजा सेव। एक पवितर परजा, खुद परमेस्वर एक असो जन समूह मजे परजा सेव। तुमिला परमेस्वर ना इंधार लक उजाड़ मा आपरो अद्भुत गुन परगट करन लाय हाकली सेत।
वय लोकगीन यो नयो गाना गावन लगीन। तु ऐना पावती धरन अना येकी सिक्का खोलन को लायक से। येको एवज मा तुना बली होयके, आपरो रकत लक, हर एक कुल, अना भासा, अना लोक अना जात लक परमेस्वर को लाई लोक हिन ला मोल ले लेई सेस।