2 मंग काजक को गरब, एको उलट तुमरो मा उदासी होवनो पाहिजे। अना जोन मानूस ना असो काम कियो सेत वोला संगती लक बाहेर हेड़ो।
काही लोकगीन घमंडी भई गई सेत। उनला असो लगा से, जसो मी उनको कठा आवनवालो नही सेऊ।
बाहेरवालो लोक गीनको नियाव, परमेस्वर करा सेत। पर तुमी असो खोटो काम करनवारा ला, आपरो बीच लक हेड़ देव।
काहेका मोला असो भेव सेत, का कदी असो तो नही भई जाय, का मी आय के ना जसो मी तुमी ला चोवनो चव्हासू वसो तुमी मोला नही भेटयो, अना तुमरो मा लडाई रार जलन चुगली अना गरब होहे।
अना कदी असो ना भई जाय का मोरो परमेस्वर मोला तुमरो कठा आवन काजी मंग मजबुर करे। अना तुमरो लाय मोला दुख उठानो पडहेत। जोनना पयले पाप कियो होतो, अना खोटो करम, अना दुसरो संग सोवनो को पाप अना वय अबा भी पाप लक मन ला हटाव नही भयो सेत।