1 अबा, सही मा यो आयकनो मा आवा सेत, का तुमरो बीचमा कु करम लगत फैल गयो सेत। असो कुकरम ता कोनी कुल को लोक गिनमा भी नाहती। मोला बतायो गयो सेत का एक मानूस आपरो मौसि माय को संग सो रहयो सेत।
कोनी असो भी सांगेत पर जेवन पोटको लाय, अना पोट जेवन को लायसेत। पर परमेस्वर, यो दुई को अन्त कर देहेत। मंग देह छिंडरापन लाय नाहती, पर पिरभू काजी सेत, अना पिरभू देह काजी सेत।
का तुमीला नही मालूम सेत? का बदी करन वालो परमेस्वर को राज मा वारिस नही होहेत। धोखा नोको खावो, छिनरापन करनवारा, ना तो मुरत पुजा करनवारा, ना दुसरो को बायको संग सोवनवारा, छिनाल,
मंग मी ना जोन तुमला चिठ्ठी मा लिखयो होतो वोमा ना तो वोको कारन लिखयो होतो जोनना हानी करिसेत अना वोको कारन जोन पर अन न्याय भई सेत पर एकोलाय का तुमरो जोस जोन आमरो काजी सेत परमेस्वर को पुढ़ा चोव जाय, का तोरी भक्ती केतरी सेत।