मी यो बिनती करासेऊ का तुमरो पुड़ा मोला बीना डर को होयके हिम्मत करनो नही पडे जसो मीना कोनी लोक गीन पर जोन हमरो देह को जसो चलन वालो समझसे हिम्मत देखावन को बिचार करासेऊ।
काहेका मोला असो भेव सेत, का कदी असो तो नही भई जाय, का मी आय के ना जसो मी तुमी ला चोवनो चव्हासू वसो तुमी मोला नही भेटयो, अना तुमरो मा लडाई रार जलन चुगली अना गरब होहे।