10 यो गोस्टी परमेस्वर ना आपरो आतमा लक आमरो पर परगट करीसेस, काहेकि आतमा सब काही गोस्टी, अना परमेस्वर को सब भेद ला भी जाँच से, अना सबा छिपयो भबिस्य वानी ला भी जाना सेत।
यीसु न वोला जवाब देईस, हे समौन, योहन को टूरा तु धन्य सेस, काहेका मानूस को मन की गोस्टी नाहत, पर मोरो दाअजी परमेस्वर ना जोन सरग मा से, येनो गोस्टी ला तोरो मन मा डाखी सेस।
वोच बेरा उ पवीतर आतमा लक खुसी मा भर गयो अना कव्हसेत, “हे बाबूजी, सरग अना धरती को मालीक, मि तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला, मोसे को नियम को गुरू अखीन समजदार लक लुकाके राखिसेस। अखीन नहानो लेकरा गीन पर, उजागर करीसेस। हाँ हे बाबूजी तोला, असोच साजरो लगिसेस।”
पर जबा उ असो खराई को आतमा आहे, ता तुमला सबच खराई को रास्ता सांगेत, काहेकी उ आपरो कन लक नही सांगेत पर जोन-जोन काही आयकेत वाच ला सांगेत अना आवनवालो गोस्टी तुमला सांगेत।
मानूस मा लक कोनी, कोनी को भितर को गोस्टी ला जानासेत? सिरप वोच मानूस को आतमा, जोन वोको भितर सेत। वसोच परमेस्वर की गोस्टी ला भी कोनी नही जान सकासे। सिरप परमेस्वर को आतमा।
यो भेद बखान पयलो को पीढ़ी को लोकहून ला वसो नही दिसायो गयो होतो जसो अबा ओको आपरो पवितर पेरीत हुन अना भविस्यवक्ता हुन को आत्मा को कन लक दिसायो जाय चुकी से।
पर आतमा ला साजरो लक चोयके कव्हसे का अना आवन वालो बेरा मा केतरा लोक भरमावन वारो आतमा गीन अखिन बुरो आतमा की सिक्सा गीन पर मन लगायके बिस्वास लक बहेक जाहे।
का वय इन गोस्टी ला, आपरो लाय नही, पर वय तुमरो बारेमा सागत होतिन। जेनको खबर तुमला उन लोकगिन को लक मिलयो। उ गोस्टी सरग को कन लक भेजयो गयो। पवितर आतमा को उकसायो जावनो पर तुमिला आयकवायो गयो सेत। अना इन गोस्टी ला चोवनलाय सरगदूत गिन भी मनसा राखत होतिन।
अबा मि थुआतीरा को बचयो लोकगीन लक कव्हसू, जो एने सिक्सा ला नही मानासे अना जसो की वय कव्हसेत, की सैतान को गहरो गोस्टी गीन ला जानासे, मंग नही जानासे, मि तुमी पर अना लगत बोझ डाखनो नही चाव्हअ सेऊ।