ओ मोरो संगीहुन! जहान तकन तुमरो बारेमा मी खुदच बेखटका सेव, अना भरोसा सेत, का तुम खुद च साजरा अना सप्पा गियान लक भरो हुयो सेव। अना तुमी ला एतरो मालुम सेत, का एक मेक ला समजा सको।
अदी मोरो जवर पेरीत जसो उपदेस देवन को वरदान सेत। मोला सबा परकार को गियान हो सका सेत, अना सबा राज की गोस्टी समजनो असान सेत। पहाड़ ला हटान को बिस्वास सेत। पर पिरेम नाहती तो काही नाहती।
अगो भाऊ हुन अदी मी तुमारो जवर आयके दुसरो भासा मा बोलु तो मोरो लक तुमला काजक फायदा होहेत। जब तकन मी परमेस्वर कन लक बोलके परकास अना गियान को सिक्सा को गोस्टी ना सांगु।
मानूस मा लक कोनी, कोनी को भितर को गोस्टी ला जानासेत? सिरप वोच मानूस को आतमा, जोन वोको भितर सेत। वसोच परमेस्वर की गोस्टी ला भी कोनी नही जान सकासे। सिरप परमेस्वर को आतमा।
हमला एको गरब से, का यो गोस्टी अमी सफा मन लक कव्हा सेजन। का अमिना यो जगत को संग अना खास तुमरो संग परमेस्वर को किरपा को साथ बरताव करयो सेजन। हमिना ईमानदारी अना खराई लक बरताव करी सेजन। जोन परमेस्वर लक भेटा सेत। दुनिया को अक्कलवरी लक नही।