मंग मी चाव्हसु का, जसो मी कुंवारो सेऊ, वसोच सब मानूस कुंवारो रहेत, पर हरेक मानूस ला परमेस्वर कन लक, अलग-अलग बरदान भेटयो सेत। कोनी ला काही, तो कोनी ला काही?
ओना काही ला पेरीत, काही ला भविस्यवक्ता काही ला साजरो बारता को सांगन वालो अना काही ला परमेस्वर को मानूस को रक्सा करनवालो पासवान अना काही ला गुरुजी ठहराय देईसेस।