मोरो संगी हुन का तुमीला हेत से? लगत बार मीना तुमरो जवर आवन को योजना बनयो। पर मी काय सांगू कहीना कही आड़-फाटा को करन मोरो आवनो फयिल भयि गयो। मी तुमरो संग बदलयो जीवन जिवनो चाव्हसू जसो यहुदीगिन संग जिवासू।
मी तुम्हिला हेत करानो चाव्हा सेऊ। मोरो संगीहुन, मोसे को मघा चलनवारो आमरो आजा पुरखा हुन को संग काजक भयो होतो? वय सबा बादर को भीतर सुरक्सित होतिन, अना लाल सागर को वोनागन गयीन।
अदी कोनी समजा सेत का उ भविस्यवक्ता से अना परमेस्वर को कन लक बोला सेत। या आतमिक जन सेत, अखीन दुसरो भासा बोला सेत, तो वा साजरा लक जान लेवेका जो मी लिखयो सेऊ, वा पिरभू न को हुकूम सेत।
अगो संगीहुन अमी यो चव्हा सेजन का तुमी वा दुख को बारेमा जानो जोन अमिला एसिया मा झेलनो पड़ीयो होतो। वहान आमरो सहनो सक्ती लक बाहेर होतो। वा दुख को बोझा मा अमी दब गयो होता। यहाँन तकन का आमरो जित्तो रव्हन को चारा नोहोतो
ओना काही ला पेरीत, काही ला भविस्यवक्ता काही ला साजरो बारता को सांगन वालो अना काही ला परमेस्वर को मानूस को रक्सा करनवालो पासवान अना काही ला गुरुजी ठहराय देईसेस।