26 ओ मोरो संगीहुन! अबा जरासो सोचो का जबा परमेस्वर ना तुम्हिला हाकलो होतो, ता तुमरो लक लगतसो ना अक्कल वर होतिन ना ताकतवर, लगत लोकगिन को समाज भी नीचो होतो।
वोच बेरा उ पवीतर आतमा लक खुसी मा भर गयो अना कव्हसेत, “हे बाबूजी, सरग अना धरती को मालीक, मि तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला, मोसे को नियम को गुरू अखीन समजदार लक लुकाके राखिसेस। अखीन नहानो लेकरा गीन पर, उजागर करीसेस। हाँ हे बाबूजी तोला, असोच साजरो लगिसेस।”
उ दिप को राजपाल सिरगियुस पौलुस को संगी होत्यो, जोन गियानी मानूस होतो। राज पाल ना उनको पुड़ा बरनबास अना साऊल ला हाकलके परमेस्वर की गोस्टी आयकनो चव्हत होतो।
जोनला आमी मानूस गिनको सिकायो गोस्टी पर नही, पर आतमा को सिकायो गयो गोस्टी मा आतमिक गोस्टी मिला-मिला के बखान करा सेजन। सांगनो को बेरा मा, मानूस को बुध्दि लक दियो गयो सबद नही, पर आतमा कन लक मिलियो सबद गीनला बौजासेन। ऐना रिती लक आमी आतमिक गोस्टी मा आतमिक घटना को बारे मा साँगा सेजन।
ओ मोरो चहेतो भाऊगीन, आयको। का परमेस्वर न संसार को नजर मा ओना गरीबहून ला भरौसा मा धनी अना ओना राज को वारसाना को रूप मा नही निवड़ीसेस, जेनला परमेस्वर ना, जोन ओला माया करासेत, देवनो को बचन देयीसेस।