21 काहेका जबा परमेस्वर को गियान को लक दुनिया, परमेस्वर ला नही जानिन, तबा परमेस्वर ला यो साजरा लगयो का परचार को मुरखता को लक, भरोसा करनवारा ला सूटकारा दे।
वोच बेरा यीसु ना कव्हयो परमेस्वर बाबूजी सरग, अना धरती को पिरभु, मी तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला अक्कलवर अना समजदार लोकगीन लक, लूकाईसेस अना लेकरागिन पर परगट करयो से।
वोच बेरा उ पवीतर आतमा लक खुसी मा भर गयो अना कव्हसेत, “हे बाबूजी, सरग अना धरती को मालीक, मि तोरो धनवाद करासू, का तूना यो गोस्टी ला, मोसे को नियम को गुरू अखीन समजदार लक लुकाके राखिसेस। अखीन नहानो लेकरा गीन पर, उजागर करीसेस। हाँ हे बाबूजी तोला, असोच साजरो लगिसेस।”
गियानी गिनला लजान काजी, परमेस्वर न तुम लोकगीन ला बेचयो से, जोन दुनिया को डोरा मा मुरख से। ताकतवर गीनला लजान काजी, वोना लोकगीन ला निवड़ीसेस, जोन दुनियाँ को डोरा मा कमजोर से।
पर सुभाविक मानूस परमेस्वर की आतमा सिक्सा नही धरा सेत। पर वोना गियान ला उ बेवाकुपी समजा सेत। अना ओला समजन काबिल नाहती। काहेका आतमा की सहायता लक, ओना सिक्सा की परख भई सका से।
का तुमी ला नही मालूम सेत? का पवीतर लोकगीन दुनिया को सब लोक गीन को न्याय करयेत। अना यदी तुम्ही, सब दुनिया को लोकगीन को नियाव कराबिन। तो तुमी ऐना लहान-लहान झगड़ा-राड़ को नियाव स्वता काहे नही करा सेत?
अरे पापी छिनालापन करन वालो मी तुमला नही जानासेउ का संसार लक मिताई जोड़न वारा परमेस्वर को सतरु बननोसे? अना जोन कोनी संसार को संगी होवनो चाव्हसे उ अपरो आप ला परमेस्वर को बैरी बनावासे।