27 जत्यार ईसु तां गेथो अगो ज्यो, ता बे आंदळा ईसु पसळ आसम आड़ता जाय्न चाल पड़्या, “ए दावुद नी अवल्यात, अमारी पोर दया कर।”
तीहया परगणा नी कनानी जाती नी एक बयर आयी अने आड़ी-आड़ीन केवा बाज जी, “ए मालीक! दावुद नी अवल्यात! मारी पोर गीण कर। मारी सोरी ने भुत घण-जबर वेला पाड़ र्यो।”
के आंदळा देखे, अने लंगड़ा चाले, कुड़ावा आरगा हये, बेरा ह़मळे मरला जीवता हये, गरीब ने खुस-खबर ह़मळायो।
“मालीक! मारा सोरा पोर गीण कर। हीने फेपरु आया करे। हीय्यो घण-जबर वेला कर्या करे; अने वळ-वळीन आक्ठु मे अने पाणी मे पड़ जाय।
ईसु नी अगळ-अगळ जता जीन अने पसळ-पसळ आवता जीन माणहु ईसम की र्या हता, “दावुद नी अवल्यात ने होसन्ना! बरकत वाळो से तीहयो, जे भगवान मालीक ना नाम सी आवे। आखा मे उचा ह़रग मे रेवा वाळा नी होसन्ना!”
ईसु मसी ना आड़ा-बुड़ा नी नाम नी लीखली सुची नी कीताप, जे अब्राहम नी अवल्यात, अने दावुद नी अवल्यात हता।
जत्यार भगवान ना डायला पुंजारा अने चोखली सास्तर ह़ीकाड़न्या मास्तर्या ईसु ना भारी जुदा-काम देख्या, अने सोरा ने मंदीर मे आहयु केतला ह़मळ्या, “दावुद नी अवल्यात ने होसन्ना!” ता तीहया रीहवाय ज्या।
जत्यार तीहयो घोर मे पुग्यो, ता तीहया आंदळा ईसु ह़ाते आया, अने ईसु तीमने केदो, “के तमारो भरहो से के मे तमने वारु कर सकत्लो से?” तीहयो ईसु ने केदो, “होव, मालीक!”
जत्यार तीहया यरीहो ह़ेर गेथा जवा बाज र्या हता, ता एक मोट्लो माणहु नो मेळो ईसु पसळ-पसळ चाल पड़्यो।