24 अने तीहयी वखत दर्या मे उचकाहलुत घण-जबर आंजी आयी, अने दर्या नी झलक ढुंड्ये अफठाय्न ढुंड्या ने घेरवी री हती। पण ईसु ह़ुव्वा बाज र्यो हतो।
जत्यार ईसु ढुंड्या मे बह ज्यो ता तीना चेला बी ह़ाते बह ज्या।
चेला ह़ाते आवीन ईसु ने जगाड़्या अने केदा, मालीक आमने बचाड़! आमु मरवा बाज र्या।