34 एतरे काले नी फीकर ना करो, काहाके काले नो दाड़ो आह़फा नी फीकर आह़फो कर लेहे; आज नी लेदे आज नोत दुख ढेरेत से।
एतरे मे तमने केम के आह़फाम ना जीव ना लेदे आहयी फीकर नी करजो के आमु ह़ु खाहु अने ह़ु पीहु; अने नीता आह़फाम ना डील जुगु ह़ु पेरहु। ह़ु जीव खाणा सी, अने डील लुगड़ा सी मोटु नी हय ह़ु?
दाड़ीन, आमने जोवे तेतरु खाणु आप्या कर।
तमारी मे गेथु आसम कोय से, जे फीकर करीन आह़फा नी जीवाय नी अमाळ बी उमर बड़ाय सके?