31 एतरे तमु फीकर करीन आहयु नी केजो, के आमु ह़ु खाहु, अने ह़ु पीहु अने ह़ु पेरहु।
पण ईसु भुतड़ा ने केदो, “सास्तर मे लीखलु से, ‘माणेह रोट्ला खाय्न नी जीवे पण तीहया भगवान ना मोडा मे गेथा नीकळवा वाळा एक-एक बोल सी जीवत्लो रेय।’”
चेला तीने केदा, आहयी उजाड़ी जागा मे आहया माणहु ने खवाड़वा करीन एतरा ढेरका रोट्ला कां गेथा लावया?
एतरे मे तमने केम के आह़फाम ना जीव ना लेदे आहयी फीकर नी करजो के आमु ह़ु खाहु अने ह़ु पीहु; अने नीता आह़फाम ना डील जुगु ह़ु पेरहु। ह़ु जीव खाणा सी, अने डील लुगड़ा सी मोटु नी हय ह़ु?
तमारी मे गेथु आसम कोय से, जे फीकर करीन आह़फा नी जीवाय नी अमाळ बी उमर बड़ाय सके?