27 तमारी मे गेथु आसम कोय से, जे फीकर करीन आह़फा नी जीवाय नी अमाळ बी उमर बड़ाय सके?
अने आह़फा ना मुंडा नी बी ह़ाम नी खाजो, काहाके तमने मुंडा नो एक बी नीम्बाळा धोळा नीता काळा नी कराये।
एतरे मे तमने केम के आह़फाम ना जीव ना लेदे आहयी फीकर नी करजो के आमु ह़ु खाहु अने ह़ु पीहु; अने नीता आह़फाम ना डील जुगु ह़ु पेरहु। ह़ु जीव खाणा सी, अने डील लुगड़ा सी मोटु नी हय ह़ु?
“अने लुगड़ा जुगु ह़ुका फीकर करो? जंगल मे ना फुलु पोर ध्यान करो, के तीहया कीसम वदे, तीहया नी ते मेहनत करे, नी ते लुगड़ा बणावे।
एतरे तमु फीकर करीन आहयु नी केजो, के आमु ह़ु खाहु, अने ह़ु पीहु अने ह़ु पेरहु।
एतरे काले नी फीकर ना करो, काहाके काले नो दाड़ो आह़फा नी फीकर आह़फो कर लेहे; आज नी लेदे आज नोत दुख ढेरेत से।