20 मे तमने केम, कदीम तमु चोखली सास्तर ह़ीकाड़न्या गेथा अने फरीसी माणहु गेथा वदीन धरमपणा मे नी चालो ता तमु ह़रग राज मे नी भराय सके।
ता चेला ह़मजी ज्या के ईसु रोट्ला ना खमीर गेथा नी, बाखीन फरीसी माणहु ना अने सदुकी नी ह़ीकापण गेथा चेतीन रेवा करीन हुकम आपीन केदलो हतो।
अने जे कोय बी मारा नामे आवु नान्लु सोरु नो आव-भाव करे तीहयो मारोत आव-भाव करे।
हाव झाड़ ना मुळ्या पोर कुराड़ी मेकाय जेली से। एतरे जे झाड़ वारु नी फाले, तीहयु झाड़ ने वाड देहे अने तीने आक्ठा मे धपाड़वा करीन नाख देहे।
जे मने “ए मालीक! ए मालीक! केय, तीमनी माय्न कोय बी ह़रग राज मे भराय नी सके, पण तीहया एतरा जे मारा ह़रग वाळा बाह नी मरजी पोर चाले।”