25 अने गलील जीला मे गेथा, दीकापुलीस मे गेथा, यरुसलेम गेथा, युहद्या मे गेथा, अने यरदन नंदी नी ह़ेली धेड़े गेथा, माणहु ना मोटा-मोटा टोळो ईसु पसळ आवता हता।
एक घणो मोटो माणहु नो मेळो ईसु पसळ चाल पड़्यो, अने ईसु माणहु ने आरगा कर्यो।
ईसु आहयु जाण ज्यो अने तां गेथो चाल पड़्यो। अने घण ढेरका माणहु ईसु पसळ चाल पड़्या। तीहयो आखा ने आरगो करतो हतो।
जत्यार ईसु तीहया बड़ा पोर गेथो हेटो उतर्यो। ता एक घणो मोटो माणहु नो मेळो तीनी पसळ चाल पड़्यो।
ईसु माणहु ना मेळा ने देखीन बड़ा पोर चड़ ज्यो, अने तां बह ज्यो। ता तीना चेला तीनीन्तां आया।
“जबुलुन अने नप्ताली परगणा मे दर्या नी वाट्ये, यरदन नंदी नी बुडण्ला ईलाका वाळा, आड़जात्या ना देस गलील मे।