17 तीहयी टेमे गेथो ईसु आहयु परच्यार करवा बाज ज्यो, पाप भणी गेथु मन फीरवीन भगवान वगा वळो। ह़रग नु राज ह़ाते आय लागलु से।
“पापु ने सोड़ीन आह़फाम ना मन ने भगवान वगा वाळो, काहाके ह़रग नु राज ह़ातेत आय जेलु से।”
एतरे जाय्न चोखली सास्तर मे लीखली आहयी वात ने ह़ीक लेवो के मने बादा नी जोवती, पण गीण जोय री ईनु मतलब ह़ु से, काहाके मे धरमी माणहु ने नी, पण पापी माणहु ने बोलाव्वा आवलो से।
तीहयी टेमे ह़रग नु राज तीहयी दह़ कुवारी सोरीन तेवु रेहे, जे आह़फा ना दीवा लीन लाडा ने भेटवा करीन जी।
“अळी ह़रग नु राज तीहयी मोट्ली जाळ ने तेवु से तीहया दर्या मे नाख देदा, अने आखी भाती ना माछला हापकी लायो।
अने वाट्ये चालता जाय्न ज्योरे आड़ीन ईसम परच्यार करो के ह़रग राज ह़ाते आय जेलु से।
युहन्ना बपतीस्मा आपण्यो आयो तां गेथात आज तक माणहु ह़रग राज मे ताखत भेळ भरायता रेता हता, अने ताखत वाळा तीने हापकी लेता हता।
ईसु तीमनी अगळ एक अळी दाखलो केदो, “ह़रग नु राज तीहया माणेह नु ह़रकु से, जे आह़फा ना खेतर मे वारलु बीज वेर्यो।
जीनी पांह ह़मळवा ना कान्टा हय तीहयो ह़मळ लेय।
ईसु तीमने जपाप आप्यो, “मे आनीन करीन दाखला मे देखाड़ु काहाके ह़रग राज ना बारा मे जाणवा नी ह़मज तमने भगवान आपलो से, पण हीय्या माणहु ने नी आप्यो।
तारु राज आवे। तारी मरजी जीसम ह़रग मे पुरी हये, तेमेत आहयी धरती पोर बी पुरी हये।