13 तीहयो नासरत ह़ेर ने सोड़ीन, कफरनहुम ह़ेर मे जे दर्या धेड़े जबुलुन अने नप्ताली ना देस मे जीन रेवा बाज ज्यो।
“अने ए कफरनहुम! ह़ु तु ह़रगे लग उचु हयही? नी! तु ते पताळ मे लग हेटो जही; जे सक्ती ना काम तारी मे करला से, कदीम तीहया सदोम मे करतो, ता तीहया आज लग बणीन रेता।
जत्यार तीहया कफरनहुम ह़ेर मे आया, ता मंदीर नो फाळो लेवा वाळा पतरस ने तां आवीन पुछ्या, “ह़ु तमारो मास्तर मंदीर नो फाळो नी आपे?”
काहाके भगवान वगे गेथा केण्या यसाया नी लारे केदलु हतु तीहयु पुरु हये:
“जबुलुन अने नप्ताली परगणा मे दर्या नी वाट्ये, यरदन नंदी नी बुडण्ला ईलाका वाळा, आड़जात्या ना देस गलील मे।
अळतेण ईसु ढुंड्या मे बह ज्यो अने दर्या नी ह़ेली धेड़े तीना ह़ेर मे आयो।