17 अने तीना बारा मे ह़रग गेथो आहयो बोल ह़मळायो, आहयो मारो मोंगाळ्ळो सोरो से। जीनी सी घणो खुस से।
तीहयो केवात बाज र्यो हतो तीहयीत टेमे पपलत्लु वादळु आवीन तीमने ढाक लेदु अने ह़रग मे गेथी आसम अवाज आवी, आहयोत मारो मोंगाळ्ळो सोरो से। मे आनी पोर घणो खुस से, आनीत वात ह़मळो!
आहयो मारो चाकर्यो से, आने मे टाळलो से; आहयो मारो घणो मोंगाळ्ळो से, मे आनी पोर घणो खुस से। मे आनी मे मारी आत्मा भर देही। अने आहयो आखा देस ना माणहु ने ह़ाचलीन नीयाव नी खुस-खबर करहे।