48 अने तीमनी मे गेथो एक ममार दवड़्यो, अने पोतु ने लीन अंगुर ना कड़वला रोह मे डुबाड़्यो अने वाहण ना टोकरा पोर मेलीन तीने चुहाड़्यो।
तां तीहया माणहु ईसु ने कड़वलु भेसकायलु अंगुर नो रोह पीवा आप्या। तीहयो तीहया रोह ने चाखी ते लेदो, पण पीवा सी मना कर देदो।
जे तां उबा रेवा वाळा माणहु मे सी थोड़ाक आहयु ह़मळीन केवा बाज ज्या, आहयो ते एलीया ने आड़वा बाज र्यो।
थोड़ाक माणहु केदा, रेवा दे! देखजे हीने एलीयो बचाड़वा आवे के नी आवे।