15 फसह ना तीवार ना दाड़े अदीकारी नी आहयी रीती हती के तीहयो आहया तीवार पोर काना बी एक केदड़ा ने माणहु नी मरजी नी अनसारे जेल मे गेथा छोड़्या करतो हतो।
पण तीहया केता के “तीवार ना दाड़े आसम नी करवा जोवे, कंखर आसम नी हय जाय के आखा माणहु दंगो फसात करे।”
तीहयी टेमे तां ह़ारो एक बरब्बा नाम नो एक डामीस केदड़ो जेल मे हतो।