56 आहयु आखु आनीन करते हयु र्यु के भगवान वगे गेथा केण्या माणहु नी लारे जे बी केदलु हतु तीहयु आखु पुरु हय जाय।” अळतेण आखा चेला ईसु ने रेवा दीन नाह पड़्या।
ईसु तीमने केदो, “तमु खरला सास्तर मे आहयु कदी भण्या नी ह़ु: ‘जे दगड़ा ने राज-मीस्तर्या रीकामो ह़मजीन बारथो नीकाळ देदा, तीहयो दगड़ोत घोर ना पाया ना, खुणे वाळो दगड़ो बण ज्यो? आहयु ते मालीक वगे गेथु हयु, आहयु ते अमारी नींगा मे सेल-भात्यु से।’”
मनख्या ना सोरा ने ते जवानुत से जेम तीना बारा मे लीखलु से; पण तीहया माणेह जुगु घणी दुख नी वात से, जे मनख्या ना सोरा ने धरायो! तीहयो माणेह पयदा नी हयतो ता वारु रेतु।”
तीहयी टेमे ईसु तीमने केदो, “आज रातेत तमारो आखा नो भरहो मार पोर नी रेय। काहाके खरली सास्तर मे आहयु लीखलु से: मे गुवाळ्या ने मार नाखही, अने गाडरा नो टोळो रीवण्या-तीवण्या हय जहे,
पण कदीम मे आसम वीन्ती करीन ह़रगदुत बोलाय लेही ता खरली सास्तर मे लीखली वात केम पुरी हयहे?”