53 तमने आहयी वात ह़मज नी आवती ह़ु, के मे मारा बाह सी वीन्ती करही ता, तीहयो ह़रगदुत ना बारे टोळा गेथा बी जादा टोळा मोकली देहे?
अळतेण भुतड़ो, ईसु ने सोड़ीन जत र्यो, अने देखो ह़रगदुत आवीन तीनी चाकरी करवा बाज ज्या।
जत्यार मनख्या नो सोरो आह़फा बड़ाय भेळ आवह़े, अने आखा ह़रगदुत तीनी ह़ाते आवहे ता तीहयो आह़फा नी बड़ाय नी राजगादी पोर बहलो रेहे।