29 मे तमने केम, हमणे गेथो जत्यार लग मारा बाह ना राज मे तमारी ह़ाते नवला अंगुर नो रोह नी पी लेम, तांह तक मे आहयु अंगुर नु नवलु रोह कदी नी पीम।”
तीना वारा मे धरमी माणहु आह़फा ना बाह ना राज मे दाड़ान तेम भबळहे। जीना कान्टा हय तीहयो ह़मळी लेय।”
अने तीमने आखी वातु जे मे तमने हुकम आप्लो से, मानवा ह़ीकाड़ो: अने देखो, मे कळी ना आकरी लग सदा तमारी ह़ाते से।”
काहाके जां बी बे जणा नीता तीन जणा मारा नाम सी भेळा हये, तां ह़ारीक मे तीमनी वच मे हजुर रेम।
मे तने ह़ाचलीन केम, आञे ह़ारीक थोड़ाक आसवा माणहु बी हजुर से। जे तत्यार लग नी मरे जत्यार लग मनख्यान बेटा ने तीना राज मे आवत्लो नी देख लेय।
ता राजो आह़फा ना जमणी धेड़े वाळा माणहु ने केहे, “ए मारा बाह ना जुगाळा माणहु! आवो, अने तीहया राज ना हकदार्या बणो, जे सुरु गेथु तमारी करते तीयार करलु से;
काहाके आहयो पीयालो मारा वायदा नु लोय से, जे आखा माणहु ना पाप नी माफी नी लेदे वयवा वाळु से।
अळतेण तीहया फसह तीवार नु भजन गावीन जेतुन ना बड़ा पोर जत र्या।