28 काहाके आहयो पीयालो मारा वायदा नु लोय से, जे आखा माणहु ना पाप नी माफी नी लेदे वयवा वाळु से।
काहाके मनख्या नो सोरो बी आह़फा नी चाकरी कराव्वा करीन नी, बाखीन चाकरी करवा करीन अने ढेरेत जणा ने सोड़ाव्वा करीन आह़फा नो जीव आपवा आवलो से।”
अने जीसम आमु अमारा गुनेगार ने तीमना पाप ना लेदे माफी आपला से, तेमेत तु अमारा पाप ना लेदे आमने माफी आप;
अळतेण ईसु पीयालो हात मे धरीन घणो वारु से कीन चेला ने आहयु केतो जाय्न आप्यो, “तमु आखा आनी मे गेथु पीवो।
मे तमने केम, हमणे गेथो जत्यार लग मारा बाह ना राज मे तमारी ह़ाते नवला अंगुर नो रोह नी पी लेम, तांह तक मे आहयु अंगुर नु नवलु रोह कदी नी पीम।”