24 मनख्या ना सोरा ने ते जवानुत से जेम तीना बारा मे लीखलु से; पण तीहया माणेह जुगु घणी दुख नी वात से, जे मनख्या ना सोरा ने धरायो! तीहयो माणेह पयदा नी हयतो ता वारु रेतु।”
आहयी कळी ना माणहु जुगु घणी दुख नी वात से, जे भगवान ना माणहु ने पाप मे पाड़वा नो जपाप बणे। पाप मे पड़वा नी पारख ते आया करहे, पण तीहया माणेह जुगु बी घणी दुख नी वात से, जे बीजा जुगु पाप नो जपाप बणे।