42 काहाके मे भुकलो हतो, अने तमु मने खाणु नी खवाड़्या; मे तरहेलो हतो, अने तमु मने पाणी नी पीवाड़्या।
“जे मारी ह़ाते नी हय, तीहयो मारा वीरोद मे से, अने जे मारी ह़ाते भगवान गेथा सेटा हयला माणहु ने भेळा नी करे, तीहयो तीमने रीवण्या-तीवण्या कर र्यो।”
काहाके मे भुकलो हतो, अने तमु मने खवाड़्या; मे तरहेलो हतो, अने तमु मने पाणी पीवाड़ला; मे अंजाणो हतो, अने तमु मने तमारा घोर राख्या;
ईसु चाळीह दाड़ा अने चाळीह रात उपाह़ करवा नी अळतेण तीने भुक वेला पाड़वा लागी।
“ता तीहयो आह़फा ना डाखरी धेड़े वाळा माणहु ने केहे, ‘ए खोड़ला! मारीन्तां गेथा सेटा हय जावो। तीहयी जलमकी आक्ठी मे जावो, जे भुतड़ा जुगु ने तीना दुतु जुगु तीयार करलो से;
मे अंजाणो हतो, अने तमु मने तमारीन्तां नी राख्या; मे नांगरलो हतो, अने तमु अने लुगड़ा नी पेराया, मे मांदलो हतो, अने तमु मारा खबर्या नी आया, मे जेल मे हतो अने तमु मने मळवा नी आया।’