37 आहयी वात ह़मळीन तीहया धरमी माणहु मालीक ने केहे, “ए मालीक! आमु कत्यार तने भुकलो देखला, अने खवाड़ला? कत्यार तरहेलो देखला, अने पाणी पीवाड़ला?
एतरे जत्यार तमु दान आपो, ता तमारो डाखर्यो हात आहयु नी जाणवा जोवे के तमारो जमणो हात ह़ु करवा बाज र्यो।
“जुगाळा से तीहया, जे धरमीपणा ना भुकला अने तरहेला से! काहाके भगवान तीमने नीरहा कर देहे।”
मे नांगरलो हतो, अने तमु मने लुगड़ा पेराया मे मांदलो हतो, अने तमु मारा खबर्या आया; मे जेल मे हतो, अने तमु मने मळवा आया।”
आमु कत्यार तने अंजाणो देखला अने अमारीन्तां राख्या? अने कत्यार नांगरलो देखला अने लुगड़ा पेरावला?