30 अने आहया रीकामा पावर्या ने बारथु ना अंदारला मे नाख देवो। तां ह़ारीक रड़वा अने दातु ककड़ाव्वा नु रेहे।
पण राज्य नी अवल्यात ने बारथा अंदारला मे नाख देहे: तां रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।
तत्यार राजो आह़फा ना पावर्या ने हुकम आपीन केदो, आना हात अने पोगु बांदीन आने बारथो अंदारला मे नाख देवो। तां तीहया माणहु रड़हे, अने दात ककड़ावहे।
अने तीमने आक्ठा ना खाडा मे नाखे। ता तीहया माणहु रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।”
अने मालीक तीने घण भारी डंड आपहे, अने ढोंगड़ा करन्या ह़ाते भेसकी देहे, अने तीहया तां ह़ारीक फुकु-फुकु रड़हे अने दातु ककड़ावता रेहे।”
अने तीमने आक्ठु नी दर्या मे धकली देहे; अने तीहया माणहु तीहयी आक्ठु नी भाटी मे ढोळो-ढोळो अने फुकु-फुकु रड़हे
तमु धरती नु खारलु मीठु से। कदीम खारलु मीठु नु खारापण जत रेय, ता तीने कानी बी चीज वेर खारु नी कर सके, अने तीहयु कंय काम नु नी रेय। अने तीहयु बारथु नाखवा अने माणहु ना पोग तळे कचरायवा वाटु से।
हाव झाड़ ना मुळ्या पोर कुराड़ी मेकाय जेली से। एतरे जे झाड़ वारु नी फाले, तीहयु झाड़ ने वाड देहे अने तीने आक्ठा मे धपाड़वा करीन नाख देहे।