23 तीनो मालीक तीने केदो, “घणु वारु, भला अने भरहा लायक पावर्या! तु थोड़ुक मे भरहा लायक रेलो से, मे तने ढेरकी चीज पोर हक आपही। तारा मालीक नी खुसी मे साजल्यो बण।”
तीनो मालीक तीने केदो, “घणु वारु, भला अने भरहा लायक पावर्या! तु थोड़ुक मे भरहा लायक र्यो, मे तने ढेरकी चीज पोर हक आपही। तारा मालीक नी खुसी मे साजल्यो बण।”
“एवो कोय ईमानदार अने अक्कल वाळो, चाकर्यो से, जीने तीनो मालीक आह़फा ना घोर ना पावर्या नो मुखी बणावे। अने केय के तु मारा पावर्या ने टेमे-टेमे खावा-पीवा नी चीज आप्या करजे?
मे तमने ह़ाचलीन केम, तीहयो मालीक तीने, आह़फा ना आखा माल-धन पोर मुखी बणावीन ठेरावहे।