39 अने उचकाहलोत पाणी आयो, अने तीहयो आखा ने डुबाड़ीन मार नाख्यो, तांह तक आनु कोयने कंय मालम नी पड़्यु तेमेत मनख्यान सोरा नु आवणु बी रेहे।
जीसम नुहा ना दाड़ा मे हयलु हतु, तेमेत मनख्या नो सोरो आवह़े, तीहया दाड़े बी हयहे।
काहाके मनख्यान बेटो आह़फा ना ह़रगदुत नी ह़ाते आह़फा ना बाह नी बड़ाय भेळ आवहे, अने तीहयो आखा माणहु ने तीमना काम ना अनसारे फोळ आपहे।
जत्यार ईसु जेतुन बड़ा पोर पुगीन बह ज्यो, ता चेला एक धेड़े ईसु ह़ाते आवीन केदा, आमने देखाड़, आहयु आखु कत्यार हयहे? अने तारी आव्वा नी अने कळजुग खत्तम हयवा नी सेलाणी ह़ु रेहे?
तीहयी टेमे ह़रगे गेथा मनख्या ना सोरा नी आव्वा नी सेलाणी देखाव पड़हे। धरती पोर रेण्या आखी जातीन माणहु फुकु-फुकु रड़हे, अने मनख्या ना सोरा ने मोटी ताखत भेळ, अने बड़ाय भेळ ह़रग ना वादळा पोर आवत्लो देखहे।
तीहयी टेमे बे अदमी खेतर मे हहे, ता एक ने चुट लेहे, अने बीजो री जहे।