35 ह़रग अने धरती टळ जाय, पण मारी वात कदी नी टळे।
मे तमने ह़ाचलीन केम, के जत्यार लग ह़रग अने धरती खत्तम नी हय जाय, मुसा नी लीखली सास्तर ना बोल नी एकीक वात अने एकीक अक्सर पुरो हया वगर नी टळे।