31 तीहयो फेपार्या वाजा भेळे आह़फा ना ह़रगदुत ने मोकलहे अने तीहया आखी धरती पोर गेथा तीना टाळला माणहु ने भेळा करहे।
मनख्या नो सोरो ह़रगदुत ने मोकलहे अने तीहया तीना राज मे गेथा आखा पाप करन्या ने अने गलत काम करन्या माणहु ने भेळा करहे,
जत्यार मनख्या नो सोरो आह़फा बड़ाय भेळ आवह़े, अने आखा ह़रगदुत तीनी ह़ाते आवहे ता तीहयो आह़फा नी बड़ाय नी राजगादी पोर बहलो रेहे।
ईसु तीमनी ह़ाते आवीन केदो, “ह़रग अने धरती नो आखो हक मने आपलो से।
कदीम मालीक तीहया दाड़ा ने कम नी करतो, ता एक बी जीव नी बचता; बाखीन टाळला माणहु नी करते जीमने तीहयो टाळलो से, तीहया गरा ना दाड़ा ने तीहयो कम कर देदलो से।
काहाके झुटा मसी अने भगवान नु नाम लीन झुट मेकण्या माणहु देखाव पड़हे, अने एवी भारी सेलाणी अने सेल-भात्या कामु देखाड़हे, हय सके ता तीहया टाळला माणहु ने बी भगवान ना भरहा गेथा सेटा करवा नी कोसीत करहे।
गुलर ना झाड़ ना दाखला नी लारे कंय ह़ीको। जत्यार तीना डाळ्या मे कुमळ्ळा डीरा फुटवा बाज जाय अने नवला पान्टा नीकळवा बाज जाय, ता तमु जाण लेवो के उनाळो आव्वा बाज र्यो।