39 मे तने केम, हमणे गेथा तमु मने जत्यार लग नी देखो, जत्यार लग तमु आहयु नी केय, “जुगाळो से तीहयो, जे मालीक भगवान ना नाम सी आवे।”
ईसु नी अगळ-अगळ जता जीन अने पसळ-पसळ आवता जीन माणहु ईसम की र्या हता, “दावुद नी अवल्यात ने होसन्ना! बरकत वाळो से तीहयो, जे भगवान मालीक ना नाम सी आवे। आखा मे उचा ह़रग मे रेवा वाळा नी होसन्ना!”