18 तमु आहयु बी केवो, “कदीम कोय वेदी नी ह़ाम खाय, ता तीनी कंय नी खरी हय, पण कदीम तीहयो वेदी पोर मेल्ली भेट नी ह़ाम खाय, ता तीनी खरी उतरी जाय।”
ए आंदळा अगळवाण्या! तमारी जुगु घणी दुख नी वात से! काहाके तमु केवो, “कदीम कोय भगवान ना मंदीर नी ह़ाम खाय, ता तीनी कंय नी खरी हय, पण कदीम कोय मंदीर ना ह़ोना नी ह़ाम खाय, ता तीनी वात खरली उतरी जाय।”
ए वण-अकल्या आंदळा! कोय मोटु से? ह़ोनु मोटु के तीहयो भगवान नो मंदीर मोटो से? जीनी सी ह़ोनु चोखलु हय जाय?
ए आंदळा! कोय मोटु से? भेट मोटी से के तीहयी वेदी मोटी से? जीनी सी भेट चोखी हय जाय?