45 भलु, जत्यार दावुद हीने मालीक केय, ता हीय्यो हीनो सोरो केम केवायो?”
‘मालीक, मारा मालीक ने केदो, मारी जमणी ह़ोड़ बह, जत्यार लग मे तारा वेरी ने तारा पोगु तळे नी कर देम।’
आना जपाप मे कोय बी एक वात नी की सक्यो। तीहया दाड़े गेथा कोयने अळतेण तीने कंय पुसवा नी हीम्मत नी हयी।